हमें अपने धर्म की रक्षार्थ हेतु दृढ़ संकल्पित होना चाहिए उक्त उदगार बड़ा रामद्वारा जोधपुर के रामस्नेही संतश्री हरीरामजी शास्त्री ने इंदौर से अजमेर जाते समय रेलवे स्टेशन पर दर्शनार्थ आये श्रधालुओ को कहे।

"धर्मो रक्षति रक्षित:" अर्थात् हम सब मिलकर धर्म की रक्षा करें. समाज में मूल्यों का रक्षण करें। अपनी श्रेष्ठ परंपराओं का रक्षण करें। तभी तो धर्म सम्पूर्ण समाज की रक्षा करने में सक्षम हो सकेगा। यही धर्म का व्यावहारिक पक्ष है। धर्म कोई बाहरी तत्व नहीं है यह हम सबमें छिपी या मुखर उदात्त भावनाओं का नाम है। हमारे व्यवहार में जो लोकमंगलकारी है, वही धर्म है। अतः हमें अपने धर्म की रक्षार्थ हेतु दृढ़ संकल्पित होना चाहिए। उक्त उदगार बड़ा रामद्वारा जोधपुर के रामस्नेही संतश्री हरीरामजी शास्त्री ने इंदौर से अजमेर जाते समय रेलवे स्टेशन पर दर्शनार्थ आये श्रधालुओ को कहे। पूज्य गुरुदेव का रत्न पूरी की पावन धरा पर धार्मिक जयघोष के साथ पुष्प मालाओ से स्वागत किया गया। इस अवसर पर सनातन धर्मसभा के अध्यक्ष श्री अनिल झलानी पूर्व पार्षद श्रीमती वंदना अनिल पुरोहित अशोक देवडा श्रीमती प्रेमलता देवडा गोविंद ककानी श्रीमती विष्णुकांता पांचाल श्रीमती तारा बाई संकला सामाजिक कार्यकर्ता अनिल पुरोहित ज़नरेश पांचाल धर्मेंद्र पांड्या प्रकाश परमार रमेश साकला चौधरी जी विकास सिसोदिया सहित अनेक धर्मजन उपस्थित थे।