भव्यराज सिंह राठौर दृष्टिहीन बालक 11 वर्ष की उम्र में ही राजधानी में इतिहास रच डाला(संवाददाता धनपाल सिंह भंडारी)
शेरपुर का भव्यराज सिंह राठौर जो जन्म से ही दृष्टिहीन है जिसकी आयु 11 वर्ष जिनका उत्साह और लग्न संगीत के प्रति इतना जुड़ गया। बालक के पिता पुष्पेंद्र सिंह राठौर गरीब परिवार में अपना जीवन यापन करते हुए उन्होंने नन्हे से बच्चे को उसकी संगीत की कला में अग्र सर होने में हिम्मत और साहस प्रदान करते हुए कस्बे से रोज 25 km की यात्रा कर संगीत विद्यालय लता मंगेशकर म्यूजिक अकादमी में ले जाते है और वहां से जिला मुख्यालय पर स्थित विकलांग विद्यालय रतलाम शिक्षा ग्रहण करने ले जाते है पिता का समय बालक के पीछे ऐसे निकल जाता है जिसका पता उनको भी पता नहीं चलता है राठौर ने बताया कि भागदौड़ भरी जिंदगी में इस बच्चे के लिए मुझसे जो होगा वो करूंगा बालक ने संगीत की प्रतियोगिता में भाग लिया।कहते है की डरकर नौका पार नहीं होती और कोसिस करने वाले की कभी हार नहीं होती यह कहावत नन्हे से बालक भव्यराज सिंह ने सिद्ध कर बतलादी उसकी संगीतमय कर्मठता और लग्न ने जिद्दी बना दिया पहले जिले की संगीत प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त किया है शेरपुर ने मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में 19, दिसंबर 2023 को आयोजित संगीत गायन प्रतियोगिता में प्रथम स्थान एवं वादन में दूसरा स्थान प्राप्त करने वाले भव्यराज सिंह राठौर की इस बढ़ती हुई संगीत की उड़ान जो केंद्र से लेकर विदेशो मे गूंजेगी।पिता बताया कि शासन द्वारा हमे इस बच्चे के लिए कोई सहायता प्रदान की जावे तो हो सकता है इस बच्चे के भविष्य में और चार चांद लगा सकता हूं। इसी के साथ हम भी किसी से कम नहीं जो शेरपुर की बेटी अवनी शर्मा पिता भगवतीलाल शर्मा (सुथार) ने काव्य पाठ में द्वितीय स्थान प्राप्त कर अपने गांव के साथ साथ जिले का नाम रोशन किया है