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रामराज्य की करो तैयारी आ रहे हैं भगवाधारी

रामराज्य की करो तैयारी आ रहे हैं भगवाधार(संवाददाता धनपाल सिंह भंडारी)

शेरपुर में जय शिव रामायण रामलीला  मंडल निंबाहेड़ा जिला चित्तौड़गढ़ राजस्थान द्वारा नवदिवसीय श्री रामचरित्र मानस का संगीतमय नाटक के अंतिम दिन नन्ही नन्ही बालिकाओं द्वारा रामचरित्र मानस की आरती उतार कर कथा का शुभारंभ किया। कथा में अंतिम पहलू में धर्म और अधर्म,नीति और अनीति , सत्य और असत्य का युद्ध हुआ जिसमे लक्ष्मण का मूर्छित होना,हनुमान को सात समुद्र पार से सजीवन बूटी लाना,रावण का भेद विभीषण द्वारा बतलाना,रावण का मरण,के साथ प्रभु श्री राम ने लंका के राजा रावण को नतमस्तक प्रणाम किया और कहा कि हे 4.वेदों ओर 6  शास्त्र 18 पुराण के ज्ञाता लकेंश आप सर्वगुण सम्पन्न थे पर आपको अपने अहंकार ने मारा है राम के अनुज भाई लक्ष्मण को राम ने कहा कि रावण वेद पुराण शास्त्र और राजनीति के ज्ञाता हैं कुछ शिक्षा ग्रहण करके आओ। जब लक्ष्मण ने रावण से शिक्षा प्राप्त करने पर बताया की आओ लक्ष्मण आपके हाथ में जो धनुष बाण है इसका अब कोई काम नहीं है ये मुझे देदो तब लक्ष्मण ने अपने धनुष बाण रावण को सौप दिए रावण ने लक्ष्मण को चेतावनी दी कि सावधान लक्ष्मण यह राजनीति का प्रथम पहलू है धोखा देना झूठे वादे करना इसी दौरान राजनीति में साम, दाम, दण्ड, भेद चारो का विवरण बतलाया  राजा रावण ने यह भी बताया कि जिसके पास भाई होता है उसकी पराजय कभी नहीं होती है राम के साथ उसका भाई था मेरे भाई ने मेरा भेद दिया घर का भेदी लंका डाहाए इसलिए प्रभु की विजय हुई है संसार सब झूठा है धन संपत्ति यही रह जाएगी भाई भाई से दूरी मत बनाना। ग्राम के पंचों द्वारा भगवान का राम राज अभिषेक कर राज तिलक कर शस्त्र प्रदान किए। यह आयोजन समस्त ग्रामवासी द्वारा रखा गया कथा में महत्व पूर्ण भूमिका निभाने वाले कलाकार व्यास पीठ - मन मोहन शर्मा ,भगवान राम की भूमिका - लक्ष्मेंद्र शर्मा और  

लक्ष्मण की भूमिका- हिमांशु शर्मा ने व रावण की भूमिका - प्रकाश शर्मा ने भरत की भूमिका - भावेश शर्मा नेसीता जी की भूमिका - मधु शर्मा ने

माता शबरी की भूमिका - शशिकला शर्मा ने निभाई मुख्य पुजारी - लखन दास और संगीत कार - मुकेश शर्मा उदयपुर ने अपनी कला का प्रदर्शन किया। भक्तो और श्रोताओं के आग्रह पर गुरुवार की शाम को न्याय के देवता शनि देव की कथा का आयोजन भी किया जाएगा। भक्तो ने देर रात तक कथा का रसपान लिया।

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